134 Part
138 times read
0 Liked
देहाती समाज : शरतचंद्र चट्टोपाध्याय (बांग्ला उपन्यास) अध्याय 1 बाबू वेणी घोषाल ने मुखर्जी बाबू के घर में पैर रखा ही था कि उन्हें एक स्त्री दीख पड़ी, पूजा में निमग्न। ...